chati jagran -जय गने , जय गनेश,जय गनेश देवा

 Ganesh aarti -

1. जय गनेश , जय गनेश,जय गनेश देवा--स्वर         जय गने , जय गनेश,जय गनेश   देवा  - सथी 

    माता जाकी पार्वति ,पिता महादेवा --स्वर          माता जाकी पार्वति ,पिता महादेवा --साथी

                                                                         जय गने , जय गनेश,जय गनेश देवा--साथी

                                                                         माता जाकी पार्वति ,पिता महादेवा --साथी


2  एक दन्त दयावन्त, चार भुजा धारी-स्वर              एक दन्त दयावन्त, चार भुजा धारी-साथी

    एक दन्त दयावन्त, चार भुजा धारी-स्वर               एक दन्त दयावन्त, चार भुजा धारी-साथी


3    माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी-सवर       माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी- साथी

     पान चढ़े,फूल चढ़े,और चढ़े मेवा -स्वर

    लड्डुअन का भोग लगे, संत करे सेवा-                पान चढ़े,फूल चढ़े,और चढ़े मेवा -साथी

                                                                            लड्डुअन का भोग लगे, संत करे सेवा-

    जय गणेश,जय गणेश,जय गणेश देवा-स्वर        जय गणेश,जय गणेश,जय गणेश देवा-साथी

     माता जाकी पार्वती पिता महादेवा----               माता जाकी पार्वती पिता महादेवा

                                          

  4  अंधे को आँख देत, कोढ़िन को काया- स्वर         अंधे को आँख देत, कोढ़िन को काया- साथी

     अंधे को आँख देत, कोढ़िन को काया- स्वर           अंधे को आँख देत, कोढ़िन को काया- साथी

      बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया--स्वर            बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया--साथी


5 सूर श्याम शरण आए ,सफल कीजे सेवा- स्वर   

   माता जाकी पार्वती ,पिता महादेवा      --------         सूर श्याम शरण आए ,सफल कीजे सेवा- 

                                                                           जय   गणेश,जय गणेश,जय गणेश देवा- साथी

                                                                                                                                                         

6 जय गणेश,जय गणेश,जय गणेश देवा- स्वर    गणेश,जय गणेश,जय गणेश देवा- साथी

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा----           माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा

   जय गणेश,जय गणेश,जय गणेश देवा-            

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा----         गणेश,जय गणेश,जय गणेश देवा- साथी

                                                                   माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा

                                                                                     

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Om Jai Lakshmi Mata
Om Jai Lakshmi Mata, Maiya Jai Lakshmi Mata,
Tumko Nishdin Sevat, Har Vishnu Vidhata.
Om Jai Lakshmi Mata
Uma Rama Bharmani, Tum Hi Jag Mata,
Surya Chandrma Dhyavat Naard Rishee Gata.
Om Jai Lakshmi Mata
Durga Roop Niranjani, Sukh Sampati Data,
Jo Koi Tum Ko Dhayata, Riddhi Siddhi Pata.
Om Jai Lakshmi Mata
Tum Patal Nivasini, Tum Hi Shubh Data,
Karam-Prabhav-Prakashini, Bhav Nidhi Ki Trata.
Om Jai Lakshmi Mata
Jis Ghar Main Tum Rahti, Sub Sadgun Aata,
Sub Sambhav Ho Jata, Man Nahi Ghabrata.
Om Jai Lakshmi Mata
Tum Bin Yagya Na Hove, Vastra No Koi Pata,
Khan-Pana Ka Vaibhav, Sub Tumse Pata.
Om Jai Lakshmi Mata
Shubhgun Mandir Sundar, Sheerodadhi Jata,
Ratan Chaturdhsh Tum Bin, Koi Nahi Pata.
Om Jai Lakshmi Mata
Mahalakshmi Ji Ki Aarti, Jo Koi Nar Gata,
Urr Anand Samata, Pap Utar Jata.
Om Jai Lakshmi Mata
Sthir Char Jagat Bchaye Shubh Karam Nar Lata,
Ram Pratap Maiya Ki Shubh Drashti Chahta.
Om Jai Lakshmi Mata


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Om Jai Lakshmi Mata

Om Jai Lakshmi Mata, 
Maiya Jai Lakshmi Mata,
 Tumko Nishdin Sevat, 
Har Vishnu Vidhata.

 Om Jai Lakshmi Mata Uma Rama Bharmani, 
Tum Hi Jag Mata, 
Surya Chandrma Dhyavat Naard Rishee Gata.
 Om Jai Lakshmi Mata Durga Roop Niranjani, 
Sukh Sampati Data,
 Jo Koi Tum Ko Dhayata, 
Riddhi Siddhi Pata. 

Om Jai Lakshmi Mata Tum Patal Nivasini, 
Tum Hi Shubh Data, 
Karam-Prabhav-Prakashini,
 Bhav Nidhi Ki Trata. 
Om Jai Lakshmi Mata Jis Ghar Main Tum Rahti,
 Sub Sadgun Aata, Sub Sambhav Ho Jata, Man Nahi Ghabrata.
 Om Jai Lakshmi Mata Tum Bin Yagya Na Hove, 
Vastra No Koi Pata, Khan-Pana Ka Vaibhav, 
Sub Tumse Pata. 

Om Jai Lakshmi Mata Shubhgun Mandir Sundar,
 Sheerodadhi Jata, Ratan Chaturdhsh Tum Bin,
 Koi Nahi Pata. 
Om Jai Lakshmi Mata Mahalakshmi Ji Ki Aarti,
 Jo Koi Nar Gata, 
Urr Anand Samata, Pap Utar Jata. 
Om Jai Lakshmi Mata Sthir Char Jagat Bchaye Shubh Karam Nar Lata,
 Ram Pratap Maiya Ki Shubh Drashti Chahta. 
Om Jai Lakshmi Mata
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ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! 
जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट, 
क्षण में दूर करे ॥
ॐ जय जगदीश हरे...

जो ध्यावे फल पावे, 
दुःख विनसे मन का, 
स्वामी दुःख विनसे मन का ।
सुख सम्पत्ति घर आवे, 
कष्ट मिटे तन का ॥
ॐ जय जगदीश हरे...

मात-पिता तुम मेरे, 
शरण गहूँ मैं किसकी, 
स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी ।
तुम बिन और न दूजा, 
आस करूँ मैं जिसकी ॥
ॐ जय जगदीश हरे...

तुम पूरण परमात्मा, 
तुम अन्तर्यामी, 
स्वामी तुम अन्तर्यामी ।
पारब्रह्म परमेश्वर, 
तुम सबके स्वामी ॥
ॐ जय जगदीश हरे...

तुम करुणा के सागर, 
तुम पालन-कर्ता, 
स्वामी तुम पालन-कर्ता ।
मैं मूरख खल कामी, 
मैं सेवक तुम स्वामी, 
कृपा करो भर्ता॥
ॐ जय जगदीश हरे...

तुम हो एक अगोचर, 
सबके प्राणपति, 
स्वामी सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूँ  गोसाईं, 
तुमको मैं कुमति ॥
ॐ जय जगदीश हरे...

दीनबन्धु दुखहर्ता,
तुम ठाकुर मेरे, 
स्वामी तुम रक्षक मेरे ।
अपने हाथ उठा‌ओ, 
अपनी शरण लगाओ, 
द्वार पड़ा मैं तेरे ॥
ॐ जय जगदीश हरे...

विषय-विकार मिटा‌ओ, 
पाप हरो देवा, 
स्वमी कष्ट हरो देवा ।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ा‌ओ, 
श्रद्धा-प्रेम बढ़ा‌ओ, 
सन्तन की सेवा ॥
ॐ जय जगदीश हरे...

तन मन धन सब है तेरा, 
स्वामी सब कुछ है तेरा ।
तेरा तुझको अर्पण, 
क्या लागे मेरा ॥
ॐ जय जगदीश हरे...

श्री जगदीशजी की आरती, 
जो कोई नर गावे, 
स्वामी जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी, 
सुख संपत्ति पावे ॥
ॐ जय जगदीश हरे...

ॐ जय जगदीश हरे, 
स्वामी ! जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट, 
क्षण में दूर करे ॥
ॐ जय जगदीश हरे...


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बाबा मोहान  राम के भजन 



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