chati jagran -जय गने , जय गनेश,जय गनेश देवा
Ganesh aarti - 1. जय गनेश , जय गनेश,जय गनेश देवा--स्वर जय गने , जय गनेश,जय गनेश देवा - सथी माता जाकी पार्वति ,पिता महादेवा --स्वर माता जाकी पार्वति ,पिता महादेवा --साथी जय गने , जय गनेश,जय गनेश देवा-- साथी माता जाकी पा र्वति ,पिता महादेवा --साथी 2 एक दन्त दयावन्त, चार भुजा धारी-स्वर एक दन्त दयावन्त, चार भुजा धारी-साथी एक दन्त दयावन्त, चार भुजा धारी-स्वर एक दन्त दयावन्त, चार भुजा धारी-साथी 3 माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी -सवर माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी - साथी पान चढ़े,फूल चढ़े,और चढ़े मेवा -स्वर लड्डुअन का भोग लगे, संत करे सेवा- पान चढ़े,फूल चढ़े,और चढ़े मेवा -साथी लड्डुअन का भोग लगे, संत करे सेवा- जय गणेश,जय